तेलंगाना, का इतिहास, लगभग 2,000 साल पुराना है। सातवाहन, काकतीय, इक्ष्वाकु, कुतुब शाही और आसिफ जाहिस जैसे कई शासको ने, इस पर शासन किया है। 1947 में जब भारत आजाद हुआ, तो जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल ने, हैदराबाद को भारत में मिलाने की कोशिश की, लेकिन निजाम उस्मान अली खान ने, भारत संघ में शामिल होने से, मना कर दिया। जिसका परिणाम ये हुआ कि, भारतीय सेना ने ''ऑपरेशन पोलो'' लाँच किया और निजाम ने हार मान कर, 17 सितंबर, 1948 को हमारी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। और इस तरह, हैदराबाद राज्य, भारतीय संघ में शामिल हो गया। साल 1956 में, तेलंगाना को, आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया। लेकिन तेलंगाना में, अलग राज्य की मांग के लिए कई बड़े आंदोलन होने लगे। ये सब देखते हुए, साल 2013 में, मनमोहन
सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने तेलंगाना के गठन को मंजूरी दी। 2014 में, तेलंगाना बिल संसद में रखा गया और उसी साल, इसे मंजूरी मिल गई। इस तरह, आंध्र प्रदेश से अलग होकर, 2 जून, 2104 को तेलंगाना, अलग राज्य बना और के. चंद्रशेखर राव, इसके पहले मुख्यमंत्री बने। जिसकी राजधानी हैदराबाद है इस राज्य का, 1 लाख वर्ग किमी. से ज्यादा एरिया है, जिसमें 33 जिले हैं। ये, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से घिरा है। इसमें 17 लोकसभा और 119 विधानसभा सीटें हैं। 3.52 करोड़ जनसंख्या और 170 से ज्यादा, इंडस्ट्रियल पार्क हैं। ओलंपिक रजत पदक विजेता पी.वी. सिंधु, अभिनेत्री शबाना आजमी और क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसी, कई हस्तियां तेलंगाना की रहने वाली हैं।
यहां के वारंगल किले, लक्ष्मी नरसिंमा राव मंदिर, शैलेश्वरम और कालेश्वरम मंदिर जैसे कई धार्मिक और टूरिस्ट प्लेस हैं। कुछ लोग मानते हैं कि तेलंगाना का नाम, तेलुगू अंगाना शब्द से लिया गया है, जिसका मतलब उस जगह से है- जहां तेलुगू बोली जाती है। वर्तमान में, हैदराबाद - आईटी और मेडिसिन का हब बन चुकी है। साल 2019 में- जेएलएल का सिटी मोमेंटम इंडेक्स आया, उसमें हैदराबाद, टॉप 20 ग्लोबल सिटीज में दूसरे नंबर पर था। स्टेट जीडीपी में बढ़ोतरी के मामले में भी, टाप तीन राज्यों में है। आज, तेलंगाना स्टेटहुड डे पर, द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी, की ओर से राज्य वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।